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Food Inflation: खुदरा महंगाई दर में गिरावट, पर दालों की कीमतों में उछाल के चलते खाद्य महंगाई से राहत नहीं!

<p style=”text-align: justify;”><strong>Pulses Price Hike:</strong> अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर 5 फीसदी के नीचे घटकर 4 महीने के निचले लेवल 4.87 फीसदी पर आ गई है. महंगाई दर के आंकड़े पर सरकार से लेकर आरबीआई खुश हो सकती है. लेकिन चिंता की बात ये है कि खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में कोई राहत नहीं है. खाद्य महंगाई दर सितंबर 2023 में जहां 6.62 फीसदी रही थी वो अक्टूबर 2023 में मामूली गिरावट के साथ 6.61 फीसदी पर आ गई है. इससे स्पष्ट है कि खाद्य महंगाई अभी भी आम लोगों के रसोई खर्च के बजट पर डाका डाल रही है. खाद्य महंगाई में सबसे ज्यादा चिंता बढ़ा रही है दालों की महंगाई.&nbsp;</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>दालों की महंगाई में जोरदार उछाल&nbsp;</strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>सांख्यिकी मंत्रालय ने खुदरा महंगाई दर के जो डेटा जारी किए हैं उसके मुताबिक दालों की महंगाई में सितंबर 2023 के मुकाबले जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली है. &nbsp;दालों की महंगाई दर अक्टूबर 2023 में 18.79 फीसदी रही है जबकि सितंबर महीने में दालों की महंगाई दर 16.38 फीसदी रही थी. &nbsp;यानिएक महीने में ही दालों की महंगाई दर में 241 बेसिस प्लाइंट का इजाफा देखने को मिला है. जबकि अगस्त 2023 में दालों की महंगाई दर 13.04 फीसदी रही थी. सबसे ज्यादा दालों की महंगाई शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को परेशान कर रही है. शहरी इलाकों में दालों की महंगाई अक्टूबर महीने में 21.07 फीसदी रही है जबकि ग्रामीण इलाकों में 17.68 फीसदी रही है.&nbsp;</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>38 फीसदी महंगा हुआ अरहर दाल !</strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>खाद्य महंगाई दर के जस के तस बने रहने में दालों की कीमतों में तेज उछाल सबस प्रमुख वजहों में शामिल है. बेमौसम बारिश के चलते दालों की फसल प्रभावित हुई है जिससे कीमतों में उछाल देखा जा रही है. भारत अपने कुल दालों के खपत का बड़ा हिस्सा आयात के जरिए पूरा करता है. दालों की कीमतों में बढ़ोतरी के आंकड़े पर नजर डालें तो उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के डेटा के मुताबिर एक साल पहले अरहर दाल का औसत मुल्य 113.27 रुपये प्रति किलो था जो करीब 38 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 156.04 रुपये प्रति किलो पर जा पहुंचा है.&nbsp;</p>
<table dir=”ltr” border=”1″ cellspacing=”0″ cellpadding=”0″><colgroup><col width=”156″ /><col width=”161″ /><col width=”146″ /><col width=”121″ /></colgroup>
<tbody>
<tr>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:&quot;आईटम्स (औसत मुल्य)&quot;}”><strong>आईटम्स (औसत मुल्य)</strong></td>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:&quot;13/11/2023 (रु/किलो)&quot;}”><strong>13/11/2023 (रु/किलो)</strong></td>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:&quot;14/11/2022 (रु/किलो)&quot;}”><strong>14/11/2022 (रु/किलो)</strong></td>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:&quot;1 साल में अंतर&quot;}”><strong>1 साल में अंतर</strong></td>
</tr>
<tr>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:&quot;अरहर दाल &quot;}”><strong>अरहर दाल</strong></td>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:3,&quot;3&quot;:156.04}”><strong>156.04</strong></td>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:3,&quot;3&quot;:113.27}”><strong>113.27</strong></td>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:3,&quot;3&quot;:0.3775}” data-sheets-numberformat=”{&quot;1&quot;:3,&quot;2&quot;:&quot;0.00%&quot;,&quot;3&quot;:1}”><strong>37.75%</strong></td>
</tr>
<tr>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:&quot;उड़द &quot;}”><strong>उड़द</strong></td>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:3,&quot;3&quot;:122.87}”><strong>122.87</strong></td>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:3,&quot;3&quot;:109.39}”><strong>109.39</strong></td>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:3,&quot;3&quot;:0.1232}” data-sheets-numberformat=”{&quot;1&quot;:3,&quot;2&quot;:&quot;0.00%&quot;,&quot;3&quot;:1}”><strong>12.32%</strong></td>
</tr>
<tr>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:&quot;चना दाल &quot;}”><strong>चना दाल</strong></td>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:3,&quot;3&quot;:84.26}”><strong>84.26</strong></td>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:3,&quot;3&quot;:75.25}”><strong>75.25</strong></td>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:3,&quot;3&quot;:0.1197}” data-sheets-numberformat=”{&quot;1&quot;:3,&quot;2&quot;:&quot;0.00%&quot;,&quot;3&quot;:1}”><strong>11.97%</strong></td>
</tr>
<tr>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:&quot;मसूर&quot;}”><strong>मसूर</strong></td>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:3,&quot;3&quot;:94.32}”><strong>94.32</strong></td>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:3,&quot;3&quot;:96.43}”><strong>96.43</strong></td>
<td data-sheets-value=”{&quot;1&quot;:3,&quot;3&quot;:-0.0218}” data-sheets-numberformat=”{&quot;1&quot;:3,&quot;2&quot;:&quot;0.00%&quot;,&quot;3&quot;:1}”><strong>-2.18%</strong></td>
</tr>
</tbody>
</table>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>उड़द – चना दाल की कीमतें भी बढ़ी</strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>उड़द दाल की कीमतों पर नजर डालें तो एक वर्ष में औसत मुल्य में 12.32 फीसदी की उछाल रही है. चना दाल भी महंगा हुआ है. एक वर्ष में चना दाल की कीमतों में 12 फीसदी के करीब बढ़ोतरी आई है. केवल मसूर दाल के दाम बीते वर्ष के मुकाबले 2.18 फीसदी कम हुए हैं. &nbsp;</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>सरकार के प्रयास नाकाफी&nbsp;</strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार के दालों की कीमतों पर नकेल कसने के लिए कई पैसले लिए हैं. इसमें दाल आयात करने वाले इंपोर्टरों को कस्टम क्लीरेंस मिलने के बाद 30 दिनों के भीतर बाजार में दाल उतारने से लेकर हर शुक्रवार को सभी इंपोर्टरों को विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर अरहर और उरद दाल के होल्डिंग स्टॉक की जानकारी देने को कहा गया है. 17 अगस्त 2023 से केंद्र सरकार ने भारत दाल के नाम से चना दाल भई बेच रही है. &nbsp; स्कीम के तहत सरकार आम लोगों को 60 रुपये प्रति किलो के सब्सिडी वाले रेट पर चना दाल बेच रही है. पर इस सबके &nbsp;बावजूद कीमतें काबू में नहीं आ रही है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Wholesale Inflation: खुदरा महंगाई के बाद थोक महंगाई भी हुई कम, अक्टूबर में लगातार सातवें महीने रही शून्य से नीचे” href=”https://www.abplive.com/business/wpi-inflation-october-2023-remains-below-zero-for-7th-month-falls-further-to-this-level-2536804″ target=”_self”>Wholesale Inflation: खुदरा महंगाई के बाद थोक महंगाई भी हुई कम, अक्टूबर में लगातार सातवें महीने रही शून्य से नीचे</a></strong></p>

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