<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”><strong>Byju Employees: </strong>कैश क्राइसिस में फंसी एडटेक कंपनी बायजू इस साल जनवरी से अपने कर्मचारियों को सैलरी समय से नहीं दे पा रही है. बायजू के कर्मचारियों को मार्च महीने की सैलरी भी 1 अप्रैल को नहीं मिल पाई थी. अब दावा किया जा रहा है कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों को वेतन देना शुरू कर दिया है. यह सैलरी धीरे-धीरे करके 18 अप्रैल तक बांटी जाएगी.</span></p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>नहीं सुलझ पा रहा बायजू रविंद्रन और शेयरधारकों का विवाद </strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>बायजू के सीईओ बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) और शेयरधारकों (Byju Shareholders) में विवाद सुलझने का नाम ही नहीं ले रहा. एडटेक कंपनी के शेयरधारक ईजीएम कर बायजू रविंद्रन को सीईओ के पद से हटा चुके हैं. मगर, बायजू के फाउंडर रविंद्रन अपना पद छोड़ने को तैयार ही नहीं हैं. मामला अदालत में फंसा हुआ है. इन दो पाटों में हर महीने पिस रहे हैं, कर्मचारी और कंपनी की तरक्की. वह पहले से ही सैलरी संकट का सामना कर रहे थे और अभी हाल ही में जानकारी मिली थी कि अब कंपनी ने छंटनी (Byju Layoffs) भी करना शुरू कर दिया है. बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप की वैल्युएशन भी 22 अरब डॉलर से घटकर 1 अरब डॉलर रह गई है. साथ ही हाल ही में फोर्ब्स बिलेनियर लिस्ट में भी बायजू रविंद्रन की नेट वर्थ जीरो आंकी गई है.</span></p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>18 अप्रैल तक सभी को मिल जाएगी सैलरी </strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>बायजू मैनेजमेंट ने अपने कर्मचारियों को सोमवार को बताया कि उन्होंने कैश का इंतजाम कर लिया है. इकोनॉमिक टाइम्स ने मैनेजमेंट के लिखे ईमेल के हवाले से रिपोर्ट की है कि मार्च महीने की सैलरी सभी को 18 अप्रैल तक मिल जाएगी. मैनेजमेंट ने कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद हम अभी तक राइट्स इश्यू से आए पैसे को हासिल नहीं कर पाए हैं. इसमें हमारे 4 विदेशी निवेशक अड़ंगा डाल रहे हैं. </span></p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>खफा हुए निवेशकों को मनाने का प्रयास कर रहे रविंद्रन</strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>पिछले हफ्ते बायजू रविंद्रन ने खफा हुए निवेशकों को मनाने का प्रयास भी किया था. उन्होंने अपील की थी कि निवेशक 20 करोड़ डॉलर के राइट्स इश्यू पर उनके साथ आ जाएं. इस राइट्स इश्यू में कंपनी की वैल्युएशन 99 फीसदी कम आंकी गई है. यदि यह इश्यू सफल होता है तो पुराने निवेशकों को तगड़ा झटका लगेगा. उधर, कर्नाटक हाई कोर्ट ने ईजीएम के फैसलों पर स्टे बढ़ा दिया है.</span></p>
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