AI : आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस से नौकरियों पर खतरा? अमेरिका और अन्य देशों के मुकाबले भारतीयों को ज्यादा सता रहा डर
<p style=”text-align: justify;”><strong>AI Impact on Jobs:</strong> आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई को लेकर दुनियाभर में अभी भी स्थिति साफ नहीं है. लंबे समय से कहा जा रहा है कि एआई दुनिया की तस्वीर बदल देगा और वर्कफोर्स की जरूरत को आधी कर देगा. भारत में भी एआई को लेकर कई तरह की चर्चा चलती रहती हैं और कहा जाता है कि मुख्य तौर पर आईटी सेक्टर के लिए ये गेम चेंजर साबित होगा. इसी मुद्दे से जुड़ी एक ऐसी रिपोर्ट आई है जो बताती है कि वैसे तो एआई को कई देशों में नौकरियों के कम करने का कारण बताया जाता है लेकिन भारत में नौकरीपेशा लोग इससे कुछ ज्यादा ही डरे हुए हैं.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>रैंडस्टैंड वर्क मॉनिटर क्वार्टरली पल्स सर्वे से हुआ खुलासा</strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>रैंडस्टैंड वर्क मॉनिटर क्वार्टरली पल्स सर्वे के मुताबिक अमेरिका, जर्मनी और युनाइटेड किंगडम के मुकाबले भारत में लोगों को इस बात की ज्यादा चिंता है कि एआई उनकी नौकरियां कम कर सकता है. इकोनॉमिक टाइम्स के साथ सर्वे का ये डेटा शेयर किया गया है और इसमें बताया गया है कि देश में काम करने वाले 50 फीसदी एंप्लाइज को ये डर है कि एआई उनकी नौकरी पर खतरा बनकर इसे खत्म कर सकता है. वहीं विकसित देशों की बात करें तो ये आंकड़ा तीन में से एक एंप्लाई का है.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>बीपीओ और केपीओ की वर्कफोर्स के लिए खतरा- सर्वे</strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्य तौर पर बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) और नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग (केपीओ) की वर्कफोर्स के लिए एआई ऐसा साधन बन रहा है जो ज्यादा तेजी से और कम कीमत में काम कर सकता है. लिहाजा इन सेक्टर मे काम करने वालों को अपनी नौकरी गंवाने का खतरा दिखाई दे रहा है. इसके अलावा भारत में खास तौर पर एआई टेक्नोलॉजी को तेजी से स्वीकार किया जा रहा है.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>10 में से 7 लोगों को एआई लगता है खतरा</strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>रैंडस्टैंड वर्क मॉनिटर क्वार्टरली पल्स सर्वे के मुताबिक कुल 1606 लोगों से बात की गई और इनमें से 55 फीसदी पुरुष थे जबकि 45 फीसदी महिला एंप्लाई थीं. इस सर्वे से पता चला कि 10 में से 7 लोगों को एआई उनकी इंडस्ट्री और जॉब प्रोफाइल के लिए खतरा बन सकता है.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>चैटजीपीटी जैसे टूल्स से सतर्क हो रही सरकारें</strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>दुनियाभर की सरकारें चैटजीपीटी और बिंग चैट जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के टूल्स के बढ़ते असर को लेकर सतर्क होती जा रही हैं. पिछले दिनों इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ ने भी एआई से ग्लोबल नौकरियों पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता जाहिर की थी. </p>
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