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क्रिकेट में मैच का नतीजा कुछ भी हो, बांग्लादेश के आगे इन पैमानों पर कहां है पाकिस्तान

<p style=”text-align: justify;”>क्रिकेट विश्वकप 2023 में पाकिस्तान का मुकाबला बांग्लादेश से चल रहा है है. टूर्नामेंट में लगभग दौड़ से बाहर हो चुके पाकिस्तान के लिए बांग्लादेश से ये मैच करो या मरो वाला है. अगर पाकिस्तान को सेमीफाइनल खेलना है तो उसे इस मैच के साथ ही बाकी तीनों मुकाबले बड़े अंतर से जीतना होगा. पाकिस्तान के चार अंक हैं और बाकी तीन मैच और जीतता है तो उसके 10 अंक हो सकते हैं. लेकिन तीन टीमें पाकिस्तान से आगे हैं. इस लिहाज से अंकों के साथ-साथ सेमीफाइनल तक पहुंचने के लिए नेट रन रेट भी बहुत मायने रखेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लेकिन आज होने वाला मैच ऐतिहासिक तौर पर काफी अहम है. क्रिकेट से हटकर बात करें तो आज से 52 साल पहले 26 मार्च 1973 को पाकिस्तान से टूटकर बांग्लादेश बना था. स्वतंत्र देश की मांग करने वाले हजारों बंगालियों का खून पाकिस्तान की सेना ने बहा दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल अलग देश की मांग करने वाले लोगों का इस बात का अंदाजा हो चुका था कि पाकिस्तान से जुड़े होकर बंगालियों का आर्थिक सुरक्षा, लोकतंत्र और मानव विकास कभी नहीं हो पाएगा. इसकी बड़ी वजह थी पाकिस्तान की तत्कालीन राजनीतिक व्यवस्था जिसमें पश्चिमी हिस्से के लोगों का कब्जा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पंजाबी और ऊर्दू बोलने वाले बंगालियों को अपने बराबर का नहीं समझते थे. इसका नतीजा एक खूनी गृहयुद्ध में बदल गया जिसकी तपिश भारत में भी महसूस की जाने लगी. आज जब दोनों देशों की क्रिकेट टीमें आमने-सामने होने जा रही हैं तो इस कड़ी में हम ये बताएंगे की पाकिस्तान से अलग होकर बंगालियों ने बीते 50 सालों में क्या हासिल किया है और कहां खड़े हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लोकतंत्र और धर्मनिपेक्षता</strong><br />पाकिस्तान से टूटकर बांग्लादेश बनने की सबसे बड़ी वजहों में एक धर्म भी शामिल था. दरअसल पश्चिमी पाकिस्तान के मुसलमान पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के मुसलमानों को अपनी हैसियत का नहीं मानते थे. वो खुद को ही सच्चा मुसलमान बताने में भी नहीं हिचकते थे. ये विचारधारा भेदभाव का भी कारण बनी जो बाद में अलग बांग्लादेश बनने की वजह भी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>धर्म के आधार पर बने देश पाकिस्तान का टूटना एक बड़ा झटका था क्योंकि जो नया देश बना उसके नींव कोई और नहीं मुसलमानों ही रखी थी. नए बांग्लादेश के सामने एक धर्मनिरपेक्ष देश बनने का मौका था और शुरुआत में यहां की व्यवस्था उसी राह पर चली.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पाकिस्तान टूटने के बाद भी इस्लामिक देश की अवधारणा के साथ चला. वहीं बांग्लादेश ने धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था को चुना लेकिन ये ज्यादा समय तक के लिए नहीं था. कुछ ही दिनों बाद बांग्लादेश में भी&nbsp; इस्लामिक मान्यता को राजधर्म की तरह मान लिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पाकिस्तान हो या बांग्लादेश, दोनों के सामने एक ही समान चुनौतियां थीं. राजनीति में सेना की बार-बार दखलंदाजी, संस्थाओं को जनता के प्रतिजवाबदेह बनाना, कट्टरपंथी आतंकी संगठन और संपत्ति में लोगों में बराबर की हिस्सेदारी पाकिस्तान में आम बात हो चुकी थी. लेकिन दोनों की तुलना में बांग्लादेश ने काफी हद तक इस पर लगाम रखा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>पाकिस्तान के इतिहास में करीब 24 साल सेना का शासन रहा है. इसमें भी 13 साल तक उस समय रहा है जब बांग्लादेश नहीं बना था. पश्चिमी पाकिस्तान के नेताओं की तुलना में राजनीति में बंगालियों की हिस्सेदार न के बराबर थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अलग बांग्लादेश बनाने की मांग में वहां के हिंदू भी शामिल थे. सबको लगता था कि नया देश बनने पर धर्मनिरपेक्ष और बिना भेदभाव वाली व्यवस्था लागू होगी जिसमें सबकी हिस्सेदारी होगी. हालांकि आज के बांग्लादेश में वो सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त नजर आ रही हैं. लेकिन पाकिस्तान की तुलना में वो बेहतर हालात में हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आर्थिक विकास&nbsp;</strong><br />इस पैमाने पर बांग्लादेश ने पाकिस्तान को काफी पीछे छोड़ दिया है. जब बांग्लादेश नहीं बना तो इस हिस्से में रहने वाले बंगालियों के सामने गरीबी से निपटना बड़ी चुनौती थी. पश्चिमी पाकिस्तान उस समय पंजाब के हिस्से में छायी खुशहाली और तरक्की पर इतरा रहा था. बंगालियों को इस बात पर यकीन था कि अलग देश बनने पर उनकी तरक्की के रास्ते खुल जाएंगे. ये बात सही भी साबित होती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>आंकड़ों को देखें तो बांग्लादेश ने कई आर्थिक पैमानों पर पाकिस्तान को काफी पीछे छोड़ दिया है. राष्ट्रीय से लेकर जीडीपी तक, हर मामले में बांग्लादेश पाकिस्तान से आगे है. दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में बांग्लादेश भी शामिल है जबकि पाकिस्तान कहीं नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”साल 2023″ href=”https://www.abplive.com/topic/new-year-2023″ data-type=”interlinkingkeywords”>साल 2023</a>-24 के आंकड़ों पर नजर डालें तो बांग्लादेश का कुल बजट 71 अरब डॉलर का है और विकास दर 7.5 फीसदी है जबकि पाकिस्तान की विकास दर मात्र 3.5 फीसदी और महंगाई दर 21 प्रतिशत से ज्यादा है. बीते 50 सालों में बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था 250 गुना की रफ्तार से बढ़ी है. चीन के बाद सबसे बड़ी कपड़ा मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री बांग्लादेश में ही है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>आपको जानकर हैरानी होगी कि बांग्लादेश में कपास नहीं होता है फिर भी कपड़ा बनाने वाली फैक्टरियों की भरमार है. बांग्लादेश हर साल 35 अरब डॉलर की कीमत का कपड़ा पूरे विश्व में निर्यात करता है. अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि ANI में छपी खबर के मुताबिक जून 2023 में बांग्लादेश के पास 31 अरब &nbsp;डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था जबकि उसी समय पाकिस्तान के पास सिर्फ 4 अरब डॉलर थे इसमें ज्यादातर हिस्सा दूसरे देशों से मिले कर्ज का था. पाकिस्तान की तुलना में बांग्लादेश में महिला श्रमिकों की संख्या बहुत ज्यादा है जो देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में योगदान दे रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बात जीडीपी की करें तो बांग्लादेश इस समय 411 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन चुका है जबकि पाकिस्तान की जीडीपी 347 अरब डॉलर की है. बांग्लादेश इस समय दुनिया की 33वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और दावा किया जा रहा है ये साल 2030 तक दोगुनी हो जाएगी. &nbsp;बांग्लादेशन्यूजडॉटकॉम में छपे के लेख में कहा गया है कि देश ने इसलिए ज्यादा तरक्की की है क्योंकि उसने सेना को राजनीति से दूर रखा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मानव विकास सूचकांक</strong><br />मानव विकास सूचकांक के कई पैमानों पर बांग्लादेश ने पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है. विश्वबैंक की एक रिपोर्ट की मानें साल 2020 में नवजातों की मृत्युदर प्रति एक हजार में 23 थी. इसी साल पाकिस्तान में 54 और साल 2021 में 52 थी. वहीं बांग्लादेशियों का औसत जीवन &nbsp;73 साल है जबकि पाकिस्तान में 67 है. प्रारंभिक शिक्षा के मामले में बांग्लादेश का रिकॉर्ड लगभग 100 फीसदी के आसपास है जबकि पाकिस्तान 44 प्रतिशत पर ही है. हालांकि बांग्लादेश में 60 लाख बच्चे और पाकिस्तान में 41 लाख बच्चे मदरसा सिस्टम के तहत पढ़ते हैं जो कि आधुनिक शिक्षा के पैमाने पर चिंता की बात हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्वास्थ्य</strong><br />बांग्लादेश की तुलना में पाकिस्तान इस पैमाने पर भी काफी पीछे है. पाकिस्तान दुनिया उन दो देशों में आज भी शामिल है जहां पर पोलियो की बीमारी को बीमार को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सका है. जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2014 में ही बांग्लादेश को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया है.यूरोपीयएशियन फाउंडेशन की वेबसाइट छपे आंकड़ों की मानें तो पाकिस्तान में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है जो कि हेपटाइटिस सी से पीड़ित है जबकि बांग्लादेश में मात्र 7 फीसदी लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्रिकेट में क्या कहता है आंकड़ा</strong><br />पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच अब तक 38 वनडे मैच हो चुके हैं जिसमें से 33 पाकिस्तान और 5 बांग्लादेश जीती है. साल 1999 में इंग्लैंड में हुए विश्वकप में बांग्लादेश ने पाकिस्तान को हराकर बड़ा उलटफेर कर दिया था. बात करें टेस्ट मैचों की तो दोनों टीमों के बीच 13 मैच हुए हैं जिसमें 12 मैच पाकिस्तान ने जीता है और 1 मैच टाई हुआ है. टी20 मुकाबले 17 हुए हैं जिसमें से 15 पाकिस्तान और 2 बांग्लादेश ने जीता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><strong>विश्वकप में दोनों टीमें&nbsp;</strong><br />पाकिस्तान: बाबर आजम (कप्तान), शादाब खान, फखर जमां, इमाम उल हक, अब्दुल्ला शफीक, मोहम्मद रिजवान, सऊद शकील, इफ्तिखार अहमद, सलमान अली आगा, मोहम्मद नवाज, उसामा मीर, हारिस राउफ, हसन अली, शाहीन अफरीदी और मोहम्मद वसीम.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br />बांग्लादेश: शाकिब अल हसन (कप्तान), लिट्टन दास, तंजीद हसन तमीम, नजमुल हुसैन शंटो, तौहीद हृदय, मुश्फिकुर रहीम, महमूदुल्लाह रियाद, मेहदी हसन मिराज, नासुम अहमद, मेहदी हसन, तास्किन अहमद , मुस्ताफिजुर रहमान, हसन महमूद, शरीफुल इस्लाम और तंजीम हसन शाकिब.</p>

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