<p><strong>Pollution Level AQI:</strong> हवा की क्वालिटी मापने के लिए विभिन्न देशों में एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाए गए हैं. ये सूचकांक देश में हवा की गुणवत्ता को मापते हैं और बताते हैं कि हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानदंडों से अधिक है या नहीं. भारत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का उपयोग करता है, जबकि कुछ देश अलग-अलग इंडेक्स का इस्तेमाल करते हैं, जो हेल्थ और पॉल्यूशन से जुड़ा होता है. आइए समझते हैं कि ये एक्यूआई होता क्या है?</p>
<h3><strong>एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या है?</strong></h3>
<p>भारत में राष्ट्रीय एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 17 सितंबर 2014 को पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत नई दिल्ली में लॉन्च किया गया था. एयर क्वालिटी इंडेक्स 8 प्रदूषकों ((PM10, PM2.5, NO2, SO2, CO, O3, NH3, और Pb) से बना है. एयर क्वालिटी इंडेक्स हवा की गुणवत्ता को मापता है. यह हवा में घुली गैसों की मात्रा और प्रकार को दर्शाता है. इस एयर क्वालिटी इंडेक्स में हवा की 6 कैटगरी बनाई गई हैं.</p>
<h3><strong>ऐसे तय होती है हवा की क्वालिटी</strong></h3>
<p>ये कैटेगरी एयर क्वालिटी पर आधारित है, जो अच्छा, संतोषजनक, मध्यम, ख़राब, बहुत ख़राब और गंभीर स्थिति को दर्शाती है. दिल्ली जैसे शहरों में वायु प्रदूषण के मुख्य घटक पीएम 2.5 और पीएम 10 कण हैं जो हवा में मौजूद हैं. जब हवा में इन कणों का स्तर बढ़ जाता है तो ये सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन आदि पैदा करते हैं. अगर एक्यूआई लेवल 0-50 के बीच में होता है तब उसे अच्छा माना जाता है. 51-100 के बीच होने पर संतोषजनक, 101-200 पर मध्यम, 201-300 तक खराब, 301-400 के बीच होने पर बहुत खराब तथा 401-500 या उससे अधिक होने पर गंभीर स्थिति में माना जाता है. दिल्ली में हवा की क्वालिटी कई बार 500 को पार कर जाती है. </p>
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