<p style=”text-align: justify;”><strong>Online Fake Reviews:</strong> ऑनलाइन फेक रिव्यू चिंता सबब बना हुआ है. तो ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ उपभोक्ताओं की शिकायतों में जोरदार उछाल देखने को मिला है. इसी को लेकर डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स की सचिव निधि खरे ने स्टेकहोल्डर्स के साथ एक बैठक की है. बैठक में ये तय हुआ कि ड्रॉफ्ट क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर पब्लिक कंसलटेशन के लिए जारी किया जाएगा और तय समय सीमा के भीतर सुझाव मंगाये जायेंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक में ऑनलाइन शॉपिंग में आ रही बढ़ोतरी से लेकर नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर ई-कॉमर्स सेक्टर से जुड़े रजिस्टर्स शिकायतों को लेकर प्रेजेंटेशन दिया गया. नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर ई-कॉमर्स से जुड़ी रजिस्टर्ड शिकायतों की संख्या 2018 में कुल उपभोक्ता शिकायतों का 22 फीसदी या 95270 था जो 2023 में कुल शिकायतों का 43 फीसदी या 4,44,034 हो चुका है. ई-कॉमर्स में वर्चुअल शॉपिंग के चलते उपभोक्ता प्रोडक्ट्स को सीधे नहीं देख सकता है इसके लिए वो ऐसे यूजर पर निर्भर रहता है जिन्होंने पूर्व में वो वस्तु या सर्विसेज खरीदा है. ऑनलाइन रिव्यू संभावित कस्टमर्स को एक भरोसा प्रदान करने का कार्य करता है जिसके बाद वे कोई भी वस्तु या सर्विसेज खरीदते हैं. लेकिन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन फेक रिव्यू के चलते उपभोक्ताओं का भरोसा टूटता है और विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>नवंबर 2022 में डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने इंडियन स्टैंडर्ड 19000:2022 ऑनलाइन कंज्यूमर रिव्यू जारी किया था. इसमें रिव्यू करने वाले ऑथर और रिव्यू एडमिनिट्रेटर की जवाबदेही तय की गई है. क्वालिटी कंट्रोल आर्डर के मसौदे के तहत प्रदान की गई जरूरी बातों में ऑनलाइन कंज्यूमर रिव्यू के लिए एकत्र करने, उनको मॉडरेट करने और प्रकाशित करने की प्रक्रियाएं इस तरह से की जाएंगी कि जो समीक्षाएं वास्तविक हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”>क्वालिटी कंट्रोल आर्ड के तहत पक्षपात ऑनलाइन रिव्यू को छापने की इजाजत नहीं होगी. आर्गनाइजेशन भी रिव्यू को एडिट नहीं करेगा. कोई भी आर्गनाइजेशन उपभोक्ता को नेगेटिव रिव्यू सबमिट करने से नहीं रोकेगा. क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर IS 19000:2022 को अपनाये जाने का स्टेकहोल्डर्स ने स्वागत किया है और सभी लोग इस बात पर सहमत है कि ऑनलाइन शॉपिंग में फेक रिव्यू से उपभोक्ताओं की रक्षा किया जाना बेहद जरूरी तो है ही साथ ही इसपर निगरानी भी रखने की जरूरत है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>आज की बैठक में गूगल, मेटा, अमेजन, फ्लिपकार्ट समेत कई ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनियों ने हिस्सा लिया. इसके अलावा बैठक में उपभोक्ता मामलों से जुड़े संगठनों ने भी भाग लिया. </p>
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