<p style=”text-align: justify;”><strong>Income Tax Department Action:</strong> अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं तो ये खबर आपके लिए काम की हो सकती है. भारत का आयकर विभाग इस समय सख्ती बरत रहा है. वो ऐसे टैक्सपेयर्स पर शिकंजा कस रहा है जिनके आयकर रिटर्न में कोई गड़बड़ी है या जो लिमिट में आने के बाद भी टैक्स अदा नहीं कर रहे हैं या कम टैक्स अदा कर रहे हैं. इसी से जुड़ी एक खबर सामने आई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>देश के आयकर विभाग ने 1.52 करोड़ ऐसे लोगों की पहचान की है जिनकी इनकम तो है, या जिन्होंने टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) किया है, लेकिन अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है. खबर यही है कि आयकर विभाग उन व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ अभियान शुरू करेगा, जिन्हें अपना आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करना जरूरी है, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है. </p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>आयकर विभाग ने 1.52 करोड़ व्यक्तियों की पहचान की</strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>आर्थिक समाचार पत्र और वेबसाइट इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर विभाग ने 1.52 करोड़ ऐसे व्यक्तियों की पहचान की है, जिनके पास इनकम है या टीडीएस दाखिल करने के बावजूद उन्होंने अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है. उक्त रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड- सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने फील्ड फॉर्मेशन के जरिए 15 अप्रैल तक ऐसे डिफॉल्टर्स से कॉन्टेक्ट करने को कहा है.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>टैक्सपेयर्स ज्यादा-रिटर्न कम!</strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>एक अधिकारी ने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 8.9 करोड़ इनकम टैक्स पेयर्स थे जबकि रिटर्न 7.4 करोड़ दाखिल किए गए. अधिकारी ने ये भी बताया कि रिटर्न की संख्या में रिवाइज्ड रिटर्न भी शामिल हैं. इसी का नतीजा है कि शायद 1.97 करोड़ लोग ऐसे थे जिन्होंने टीडीएस कटौती के बावजूद आईटीआर दाखिल नहीं किया. जिन लोगों ने अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया, उनमें से 1.93 करोड़ इंडीविजुअल कैटेगरी में थे, 28,000 हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (एचयूएफ)से और 1.21 लाख कंपनियां थीं. इसके अलावा बाकी दूसरी कैटेगरी में से थे.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>फील्ड अधिकारियों को दिए गए निर्देश</strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे कई उदाहरण थे कि पैन से जुड़े बैंक ट्रांजेक्शन तो बहुत ज्यादा थे, जिससे आईटीआर दाखिल करना जरूरी हो गया था. ऐसे में आयकर विभाग ने फील्ड अधिकारियों को सही डेटा और जानकारी के साथ ऐसे व्यक्तियों से संपर्क करने और उन्हें यह समझाने के लिए कहा गया है कि उन्हें अपना आईटीआर दाखिल करने की जरूरत क्यों है. सीबीडीटी के पास डेटा है कि लगभग 8,000-9,000 संभावित टैक्सपेयर्स, जिनके खिलाफ विभाग के पास हाई टिकट खरीद या हाई कैश जमा का रिकॉर्ड है, को टैक्स नोटिस भेजा जा रहा है.</p>
<h3 style=”text-align: justify;”><strong>जानबूझकर डिफॉल्टर्स पर लगेगी पेनल्टी</strong></h3>
<p style=”text-align: justify;”>यदि वे जानबूझकर डिफॉल्टर पाए जाते हैं, तो ऐसे लोगों को पेनल्टी देनी होगी लेकिन जिन टैक्सपेयर्स के पास अचानक हुई इनकम की वास्तविक वजह है उन्हें स्पष्टीकरण देना पड़ सकता है या रिटर्न दाखिल करना पड़ सकता है. पिछले महीने, सीबीडीटी ने कहा कि हायर एडवांस टैक्स कलेक्शन के चलते 17 मार्च तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 19.88 फीसदी बढ़कर 18.90 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है.</p>
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